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Thesaurus थिसॉरस

 

थिसॉरस (thesaurus) शब्द का अभिप्राय शब्दों के भंडार के रूप में होता है यह विशिष्ट विषय क्षेत्र से संबंधित शब्दों की सूची है जो शब्दावली नियंत्रण और सूचना पुनः प्राप्ति के लिए प्रमुख तकनीक है इसमें किसी विषय से संबंधित सभी शब्दों के अर्थ प्रयाय आदि इसमें व्यवस्थित होते हैं थिसॉरस शब्द का आधुनिक प्रयोग पीटर मार्क Roget ने 1852 में अंग्रेजी ग्रंथ thesaurus of english words and phrases में किया था सूचना प्राप्ति के क्षेत्र में सर्वप्रथम इस पद का प्रयोग हेलन ब्राउनसन ने 1957 में डोर्किंग सम्मेलन में किया था

डबलिन कोर मेटाडाटा (dublin core metadata)

 Dublin core metadata 



डबलिन कोर मेटाडाटा ,dublin core metadata


Dublin core metadata  का विकास 1995 में OCLC/NCSA द्वारा आयोजित मेटाडाटा कार्यशाला के दौरान हुआ। यह एक विन्यास है जो इलेक्ट्रॉनिक प्रलेखों की विवरणात्मक सूचना प्रदान करता है जिसका इस्तेमाल वेब संसाधनों के साथ-साथ भौतिक संसाधनों का वर्णन करने के लिए भी किया जाता है।

 डबलिन कोर मेटाडाटा के तत्व


15 मेटाडाटा तत्व होते हैं

1 Title
2 Created
3 Subject
4 Description
5 Publisher
6 Contributer
7 Date
8 Type
9 Format
10 Identifier
11 Source
12 Language
13 Relation
14 Coverage
15 Rights

राष्ट्रीय सुगम्य पुस्तकालय



राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (NIEPVD) एक “राष्ट्रीय सुगम्य पुस्तकालय” भी चलाता है जो दृष्टिबाधित व्यक्तियों, विद्वानों, शोधार्थियों एवं दृष्टि दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत व्यवसायिकों की पठन रुचियों को पूर्ण करने में समर्थ है। पुस्तकालय के तीन पुस्तकालय अनुभागों में मुद्रित ब्रेल एवं ध्वन्यांकित पुस्तकों के रूप में सामान्य एवं विकलांगता संबंधी विषयों से संबंधित समृद्ध साहित्य का भंडार है। वर्ष 1963 में राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ पुस्तकालय की स्थापना की गई, जिसमें से वर्ष 1990 में राष्ट्रीय ध्वन्यांकन पुस्तकालय को अलग किया गया।
                     ये पुस्तकालय लगभग 27,000 सदस्यों को उनके निवास स्थान पर सेवाएँ दे रहा है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सार्वजानिक पुस्तकालयों एवं अन्य स्थलों पर कम पहुँच को देखते हुए और सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु, ब्रेल एवं ध्वन्यांकन पुस्तकालय ने देश के विभिन्न भागों में पुस्तकालय विस्तार सेवा पटल खोले हैं। अब तक, देश में 103 ब्रेल एवं ध्वन्यांकन पुस्तकालय विस्तार पटल खोले जा रहे हैं

राष्ट्रीय सुगम्य पुस्तकालय – एक दृष्टि में

वर्ष 1963 में राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ पुस्तकालय की स्थापना की गई।पुस्तकालय के भाग : मुद्रण अनुभाग, ब्रेल अनुभाग, ध्वन्यांकन अनुभाग एवं पुस्तकालय विस्तार सेवाएँ तथा परिचालन पुस्तकालय सेवाएँ।ब्रेल पुस्तकालय में उपलब्ध शीर्षक: 17542 (लगभग)पुस्तकालय में उपलब्ध ब्रेल खंड: 1,33,887ब्रेल अनुभाग के सदस्य: 6990ब्रेल अनुभाग के सदस्य (आतंरिक + विस्तार पटल): 13528लाभार्थी: 31,000 लगभगi) ब्रेल एवं विस्तार पटल: 13,528
ii) मुद्रण अनुभाग: 9298
iii) ऑनलाइन पुस्तकालय: 8,174 

ब्रेल पत्रिकाएँ: 20 लगभगमुद्रित पत्रिकाएँ: 26 लगभगस्थानीय सदस्य: 650बाहरी सदस्यों को प्रेषित खंड :650पुस्तकालय विस्तार पटल: 103

International nuclear information system अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सूचना प्रणाली

INIS ( International nuclear information system)

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सूचना प्रणाली (INIS) परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग पर प्रकाशित जानकारी के दुनिया के सबसे बड़े संग्रह में से एक को होस्ट करता है।  INIS एक अद्वितीय और मूल्यवान सूचना संसाधन है, जो परमाणु साहित्य के वैश्विक कवरेज की पेशकश करता है।

 INIS रिपॉजिटरी में वैज्ञानिक और तकनीकी रिपोर्ट, सम्मेलन की कार्यवाही, पेटेंट और शोध सहित पारंपरिक और गैर-पारंपरिक साहित्य के ग्रंथसूची संदर्भ और पूर्ण-पाठ दस्तावेज़ शामिल हैं।  INIS एक बहुभाषी थिसॉरस को अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, रूसी और स्पेनिश में रखता है, हजारों तकनीकी शब्दों का अनुवाद प्रदान करता है जो संग्रह को नेविगेट करने और खोजने में मदद करते हैं।

 INIS को 1970 में IAEA के जनादेश के अनुसार "परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए" स्थापित किया गया था।  यह 150 से अधिक सदस्य राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से IAEA द्वारा संचालित है।
INIS के लिए भारतीय इनपुट केंद्र भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC)है




Source of information (सूचना के स्रोत)

सूचना के स्रोत को तीन भागों में विभक्त किया गया हैं
प्राथमिक स्रोत
द्वितीयक स्रोत
तृतीयक स्रोत

प्राथमिक सूचना स्रोत के अंतर्गत निम्नलिखित प्रलेख शामिल हैं 
शोध प्रतिवेदन ,सम्मेलन की कार्यवाही, व्यवसायिक साहित्य ,शोध पत्रिका ,रिपोर्ट ,अधिकारी प्रकाशन, मानक, शोध प्रबंध, एकस्व, प्रकाशित शोध, मानचित्र और चार्ट, शोध मोनोग्राफ ,पांडुलिपि ,समाचार पत्र ,हस्तलिखित लेख, पर्चे।
(Research reports, conference proceedings, business literature, research journals, reports, official publications, standards, dissertations, patent, published research, maps and charts, research monographs, manuscripts, newspapers, handwritten articles, pamphlets.)

द्वितीयक सूचना स्रोत के अंतर्गत निम्नलिखित प्रलेख शामिल है
  सामयिकी, नियमावली, सूची, अनुक्रमिका, ग्रंथसूची , सार, राज्य की कला , समीक्षा ग्रंथ, आत्मकथाय, इतिहास, सिद्धान्त , शब्दकोश, विश्वकोश, हैंडबुक प्रबन्धक, प्रक्रियाएं, समीक्षा पत्रिका, सभी संदर्भ ग्रंथ, सरणी, मोनोग्राफ।
(Current affairs, manuals, index, bibliography, abstract, state art, review texts, autobiography, history, theory, dictionary, encyclopedia, handbook manager, procedures, review journal, all reference texts, arrays, monographs.)

तृतीयक सूचना  स्रोत के अंतर्गत निम्नलिखित  प्रलेख शामिल है
वे स्रोत जो पाठक को प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों की ओर निर्देशित करता है तृतीयक स्रोत कहलाता है इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं तथा विशेषज्ञों को उपयुक्त सूचना प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है इस प्रकार के सूचना स्रोत में विषय से संबंधित सूचना नहीं होती इसमें निम्नलिखित प्रलेख शामिल हैं-  निर्देशिका, वार्षिकी,शोध की सूचियां ,संगठनों की मार्गदर्शिका ,व्यापार मार्गदर्शिका, बिबलियोग्राफि, बिबलियोग्राफी की बिबलियोग्राफी ,पाठ्य पुस्तक, शोध प्रगति सूची।
(Directory, yearbook, research lists, guide of organizations, business guide, bibliographies,  bibliography of Bibliography, text books, research progress lists.)

reference service

एस.आर.  रंगनाथन के अनुसार "संदर्भ सेवा व्यक्तिगत रूप से एक पाठक और उसके दस्तावेजों के बीच संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया है।"  A...