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INSDOC

INSDOC ( Indian National Scientific documentation centre) 


Introduction
              विज्ञान के बढ़ते प्रभाव के कारण यह महसूस किया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक प्रलेखन केंद्र की स्थापना की जाए इसी प्रयास में 1947 में अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन ने भारतीय मानक संस्था को इस केंद्र की स्थापना के संबंध में पत्र द्वारा प्रेषित किया लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो सका इसके बाद 1950 में प्राकृतिक संपदा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय के सचिव शांति स्वरूप भटनागर व दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति मोरिस ग्वायर के सम्मलित आग्रह पर डॉ रंगनाथन ने तीन  योजनाएं  बनाई तथा अंतिम योजना हेतु एक समिति का गठन किया।  1951 मे भारत सरकार ने INSDOC को स्वीकृति प्रदान कर दी इसकी विधिवत स्थापना 1952 में यूनेस्को के तकनीकी सहयोग से की गई तथा जून 1952 से इसने अपना कार्य प्रारंभ किया


INSDOC के  उद्देश्य
       इस प्रलेखन केंद्र के निम्न उद्देश्य हैं
1- विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में सूचना स्रोतों का संग्रह करना
2 -  भारत में उपलब्ध सूचना सेवाओं एवं सूचना प्रणाली के मध्य समन्वय स्थापित करना
3- प्रकाशित एवं अर्थ प्रकाशित वैज्ञानिक कार्यों के प्रति वेदनो के राष्ट्रीय Repository रूप में कार्य करना
4- सूचना विज्ञान एवं सेवाओं के सुचारू संचालन एवं उच्च स्तरीय गठन हेतु योग्य एवं कुशल व्यक्तियों को प्रशिक्षित करना
5- देश की सूचना तंत्र एवं सेवाओं की क्षमता एवं उत्पादकता के विकास हेतु आवश्यक प्रौद्योगिकी एवं प्रशासनिक  कार्यप्रणाली को विकसित करना

INSDOC  के प्रकाशन 
1 - indian science abstract
2 - Russian scientific and technical publication : an accession list
3- contents list of Soviet scientific periodical
4 - national index of translation
5- annals of library science and documentation

INSDOC  द्वारा सूचना स्रोतों के विकास हेतु निम्न संस्थाओं की स्थापना की गई

1- national science library
2 - Russian science information center
3 -  centralized acquisition of periodicals projects

reference service

एस.आर.  रंगनाथन के अनुसार "संदर्भ सेवा व्यक्तिगत रूप से एक पाठक और उसके दस्तावेजों के बीच संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया है।"  A...