अंकन की परिभाषा
एच ई ब्लिस के अनुसार — अंकन किसी क्रम व्यवस्था में चिन्हों अथवा प्रतीकों की एक विधि है जिससे पदों अथवा किसी माला के प्रतिनिधियों अथवा वस्तुओं के व्यवस्था क्रम को निर्दिष्ट किया जाता है
डॉ रंगनाथन के अनुसार — किसी वर्गीकरण पद्धति में वर्गों को प्रस्तुत करने के लिए प्रयुक्त क्रमिक अंको की विधि को अंकन (notation) कहते है।
अंकन के प्रकार
अंकन दो प्रकार के होते हैं
1- शुद्व अंकन (pure notation ) // 2. मिश्रित अंकन ( Mixed Notation)
1. Pure notation — शुद्ध अंकन वह है जिसका निर्माण केवल एक ही प्रकार के प्रतीकों अथवा चिन्हों से होता है उदाहरणार्थ- 1 – 9 or A to Z .
शुद्ध अंकन का सर्वोत्तम उदाहरण मेलविल dewey की DDC (दशमलव वर्गीकरण पद्धति) है इसमें शुद्ध अंकन का उपयोग सर्वप्रथम किया गया था इस प्रणाली में मात्र अरेबिक अंकों का ही उपयोग किया गया है C.A. Cutter का एक्सपेंसिव क्लासिफिकेशन भी एक दृष्टि से शुद्ध अंकन का माना जाता है
2. Mixed Notation – मिश्रित अंकन शेर तात्पर्य उस अंकन से है जिसका निर्माण दो या दो से अधिक प्रतीकों अथवा चिन्हों से होता है उदाहरणार्थ — (0,1,2,3 ……. 7,8,9) or ( A to Z ) or ( a to z) or (∆ ,; : . () )
मिश्रित अंकन का उपयोग सर्वप्रथम रिचर्ड्सन महोदय ने अपने प्रणाली प्रेस्टन स्कीम में किया और इसकी उपयोगिता को बढ़ाया जिसके अंतर्गत संख्याओं और अक्षर दोनों का उपयोग है
लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस , सब्जेक्ट क्लासिफिकेशन , कोलन क्लासिफिकेशन , बिबलियोग्राफिक क्लासिफिकेशन मिश्रित अंकन के उदाहरण है।