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NISSAT

NISSAT (  National information system in science and Technology )


 राष्ट्र के उत्थान में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास कार्यों के महत्व को देखते हुए एक राष्ट्रीय विज्ञान सूचना तंत्र की आवश्यकता महसूस की गई इसी के परिणाम स्वरूप 1971 में यूनेस्को से अनुरोध किया गया कि वह भारतीय राष्ट्रीय लेखन केंद्र नई दिल्ली को परामर्श देने के लिए एक अल्पकालिक प्रतिनिधिमंडल भेजें इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए यूनेस्को ने 1972 में पीटर लेजर को इस कार्य हेतु भारत भेजा उन्होंने भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना तंत्र की रूपरेखा तैयार की है 1973 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन एक वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी के राष्ट्रीय सूचना तंत्र (NISSAT) की स्थापना  अनुशंसा की गई अतः राष्ट्रीय महत्व के इस प्रणाली को पंचवर्षीय योजना 1974 से 1979 में प्रस्तावित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी योजना के अंतर्गत सम्मिलित कर NISSAT की स्थापना का शुभारंभ 1975 में कर दिया गया 1977 में इस तंत्र को आधिकारिक रूप में लागू कर दिया गया।

NISSAT के निम्न उद्देश्य

1- राष्ट्रीय सूचना सेवाओ को सुसंगत बनाना जिससे वह सूचना में उत्पादको संसाधनों और उपभोक्ताओ की वर्तमान एवं भावी आवस्यकताओ की पूर्ति में समर्थ हो सके

2- विद्यमान सूचना सेवाओं की प्रणालियों का अधिकतम उपयोग करना और नवीन सूचना सेवाओं एवं प्रणालियों को विकसित करना

3- राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना के विनिमय के लिए पारस्परिक संबंधों को प्रोत्साहित करना

 संरचना

संरचना की दृष्टि से तंत्र की योजना एक त्रिसोपानिक व्यवस्था है इसके तीन सोपान निम्नांकित है

1- मंडलीय प्रणाली ( pectoral system)
2- आँचलिक प्रणाली (regional system )
3- अन्य विशिष्ट सेवायें ( other specialized services)

reference service

एस.आर.  रंगनाथन के अनुसार "संदर्भ सेवा व्यक्तिगत रूप से एक पाठक और उसके दस्तावेजों के बीच संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया है।"  A...